रविवार, 2 अक्तूबर 2011

लंदन में दिखेगा बिहारी प्रतिभा का जलवा


आगामी  माह में ब्रिटेन की राजधानी लंदन में पूरी दूनिया एक बार फ़िर बिहारी प्रतिभा का लोहा मानेगी। एक बार फ़िर पूरी दूनिया के लोग यह जान सकेंगे कि सामाजिकए आर्थिक और तकनीक रुप से पिछड़े बिहार में भी प्रतिभा कूट कूट कर भरी है। बताते चलें कि आगामी अगस्त माह में लंदन में रायल जियोग्राफ़िकल सोसायटी के तत्वावधान में विकासशील देशों में पानी समस्या विषयक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया है। इस आयोजन में भाग लेने के लिये बिहार के दो विशेषज्ञ डा अशोक कुमार घोष और डा नुपूर बोस मित्रा को आमंत्रित किया गया है।
यह पहला अवसर होगा जब इस स्तर के अंतरराष्ट्रीय स्तर के सेमिनार में बिहारी विशेषज्ञ न केवल अपनी बात बतौर वक्ता के रुप में रखेंगेए बल्कि वे पूरे सत्र की अध्यक्षता भी करेंगे। ये दोनों विशेषज्ञ वर्तमान में मगध विश्वविद्यालय के अनुग्रह नारायण सिंह कालेज में प्रोफ़ेसर हैं। इस संबंध में डा अशोक कुमार घोष ने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में अन्य बिहारी विशेषज्ञ भी भाग लेंगे। सबसे महत्वपूर्ण मिट्टी में आर्द्रता प्रबंधन विषय पर बिहार के बांका जिले के चांदन प्रखंड में चलाई जा रही परियोजना की जानकारी दी जायेगी। इस विषय पर इन्डियन रुरल एसोसिएशन के कौशल कुमार शर्मा और नाबार्ड के अधिकारी नवीन कुमार राय अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा नीदरलैंड के डेल्फ़ यूनिवर्सिटी आफ़ टेक्नोलाजी के छात्र अजय जी भट्ट गंगा और सोन नदी के किनारे बसे इलाकों में आर्सेनिक एवं अन्य जहरीले अवयवों एवं इसके निराकरण के संबंध अपनी बात रखेंगे। जबकि स्थानीय ए एन कालेज के छात्र राजीव कुमार इस अवसर पर बिहार के आर्सेनिक प्रभावित जिलों में पानी की कमी के बारे में सविस्तार जानकारी देंगे। जबकि वर्मी कल्चर की उपयोगिता के संबंध में अस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन शहर में स्थित ग्रीफ़िथ विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ एवं मूल रुप से बिहारी डा राजीव कुमार सिन्हा और पटना के ए एन कालेज के विशेष्ज्ञ डा अशोक कुमार घोष संयुक्त रुप से जानकारी देंगे।
सोजन्य : अपना बिहार