शनिवार, 17 मार्च 2012

खत्म हुआ इंतजार, कर दिया चमत्कार

सचिन के सौवें शतक पर झूमी ट्विनसिटी
जिस पल का इंतजार सचिन और उनके चाहने वालों को था, आखिरकार शुक्रवार को वह पल आ ही गया। क्रिकेट के भगवान मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने ११ वें एशिया कप के दौरान बांग्लादेश के खिलाफ अपना महाशतक पूरा कर लिया। सचिन के सौवें शतक के लिए लोगों ने साल भर इंतजार किया। शतक जैसे ही पूरा हुआ, शहर के चौक-चौराहों से लेकर गली-मोहल्लों तक खुशी की लहर दौड़ गई और लोगों ने मिठाई से एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया। सौवेंं शतक पर शहर के क्रिकेट प्रेमियों ने पूरे उत्साह से सचिन को बधाई दी।
रच दिया इतिहास
सचिन के सौवें शतक ने इतिहास रच दिया है। क्रिकेट जगत में देखा जाए, तो सचिन जैसे एम्बेस्डर नहीं मिलेंगे। सचिन के इस शतक ने इंडिया टीम का भी हौसला बढ़ाया है।
- राजा गोपालन, बीएसपी क्रिकेट प्रशिक्षक
अभी और खेलना चाहिए
सचिन के इस शतक ने इंडिया टीम को एक नए मोड़ पर खड़ा कर दिया है। सचिन जब क्रिकेट जगत में आए थे, तो किसी को उम्मीद नहीं था कि कुछ ऐसा कर जाएंगे, लेकिन सचिन ने लोगों में उम्मीद जगाई और उसको पूरा कर दिखा दिया। सचिन को इंडिया टीम के लिए और खेलना चाहिए।
- राजेश चौहान, इंटरनेशनल क्रिकेट प्लेयर्स
जुनून ने दिलाया मुकाम
सचिन में क्रिकेट के प्रति पहले दिन से ही जज्बा और जुनून देखने को मिल रहा था। उसके निरंतर बरकरार रहने का ही ये फल है। सचिन ने जो मुकाम हासिल किया है वह शायद ही आने वाले समय में कोई प्राप्त कर सके। पिछले दिनों सचिन के खराब परफोरमेंस के चलते सीनियर खिलाडिय़ों ने संन्यास लेने की बात कही थी, लेकिन सचिन ने अपने परफोरमेंस को सही करते हुए महाशतक बना लिया।
- राजा बेनर्जी, क्रिकेट कोच, सेल
ले लेना चाहिए सन्यास
सचिन के लिए आज का दिन काफी खास रहेगा। उन्होंने नया इतिहास रच डाला है। लोगों की उम्मीद टूट चुकी थी कि सचिन अपना सौवां शतक बना पाएंगे, लेकिन उन्होंने निराश नहीं किया। बात संन्यास की करें, तो वह सचिन खुद ही जानते हैं। सचिन के संन्यास लेने का ये सबसे अच्छा मौका है।
- परमजीत सिंह,
... तो खेलेगा कौन
क्रिकेट जगत में शायद ही ऐसा कोई खिलाड़ी होगा, जो अपना सौ शतक बना पाएगा। अगर सभी सीनियर खिलाड़ी संन्यास ले लेंगे, तो टीम में खेलने के लिए कौन बचेगा।
- वी. मोहन दास, पूर्व क्रिकेट प्लेयर
बांग्लादेश के खिलाफ भी शतक
सचिन ने सौवां शतक पूरा करने के साथ एक और मुकाम हासिल कर डाला। अभी तक सचिन ने एक दिवसीय मैचों में बांग्लादेश के खिलाफ शतक नहीं लगाया था। वह हसरत भी पूरी हो गई।
- अभय कुमार, क्रिकेट प्लेयर
वर्षगांठ पर सचिन का तोफा
इंडिया टीम और सचिन के लिए आज का दिन यादगार साबित रहेगा। वैसे भी क्रिकेट जगत से जुड़े अधिकतर लोगों को आज का दिन याद रहता है। क्योंकि आज विश्व क्रिकेट का वर्षगांठ है। एक तरह से सचिन ने खुद का सौवां शतक तो बनाया ही साथ ही विश्व क्रिकेट के वर्षगांठ पर तोहफा भी दे दिया। सचिन के इस शतक ने टीम को नए नए मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया है।
- हरप्रीत सिंह, क्रिकेट प्लेयर

काफी उम्मीदें अखिलेश भईया से

अभी तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हैं। उत्तर प्रदेश की जनता को उनके उपर पूरा विश्वास है कि वह यूपी के खराब छवि के साथ महिलाएं व लड़कियों के साथ होने वाले अत्याचार और अनाचार को खत्म कर देंगे। जब अखिलेश चुनावी मैदान में उतरे थे, तभी जनता ने फेसला ले लिया था कि अब की बार माया दीदी को नहीं, बल्कि अखिलेश भईया को प्रदेश की कमान देनी हैं। अभी तक तो जितने भी नेता आएं वह अपना कोई खास छवि नहीं छोड़ पाएं, लेकिन युवा नेता अखिलेश भईया से काफी उम्मीदे हैं। वैसे भी अभी तक कोई खास नेता के हाथ प्रदेश की कमान नहीं थी, लेकिन इस तस्वीर में अखिलेश भईया को एक नजर में जन सकते है

गुरुवार, 15 मार्च 2012

बढऩा चाहिए टैक्स का स्लेब

केन्द्रीय बजट को लेकर शासकीय कर्मचारियों की अपनी अपेक्षाएं
केन्द्रीय बजट १६ मार्च को पेश होने वाला है। जिसको लेकर ट्विनसिटी के प्राइवेट के साथ शासकीय सेक्टर में भी हलचल है। सभी को बजट से काफी कुछ अपेक्षाएं हैं। आगामी बजट को लेकर शासकीय कर्मचारियों की अपेक्षाओं को जानने की कोशिश की। चर्चा के दौरान अधिकतर लोगों ने वर्तमान टैक्स स्लेब को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया है।
सामानों पर लगता है टैक्स ज्यादा
टैक्स स्लेब के कम होने से मध्यमवर्गीय परिवार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बात निम्न वर्गीय और उच्च वर्गीय परिवार की करें, तो उनको कोई परेशानी नहीं होती है। आगामी दिनों में पेश होने वाले बजट में सरकार को मध्यम वर्गीय परिवार को ध्यान में रखकर टैक्स का स्लेब तय करना चाहिए। टैक्स के बढऩे से सामानों पर भी टैक्स कम लगेगा।
- डॉ. रेश्मा लाकेस,
इनकम से ज्यादा टैक्स
नौकरी पेशे वालों को ध्यान में रखकर बजट पेश होना चाहिए। क्योंकि इनकम बढ़ता है, तो टैक्स भी बढ़ जाता है। इसलिए बजट में टैक्स के स्लेब को बढ़ाना चाहिए। जिससे नौकरी पेशे वालों को राहत मिल सके। वैसे भी बजट में प्राइवेट सेक्टर वालों को ज्यादा फायदा मिलता है, क्योंकि वे अपने इनकम को एक बार छुपा भी लेते है, लेकिन शासकीय कर्मचारी का इनकम छुप पाता। बजट में दोनों सेक्टर को ध्यान में रखकर टैक्स का स्लेब फिक्सड करना चाहिए।
- डॉ. रिचा ठाकुर,
टैक्स देना पड़ता है दोगुना
सरकारी कर्मचारियों के वेतन में समय-समय पर वृद्धि होती है, लेकिन टैक्स की कोई सीमा तय नहीं है। टैक्स का स्लेब कम होने से कर्मियों को दोगुना भुगतान करना पड़ता है। केन्द्रीय बजट में टैक्स को लेकर अवश्य ही सही निर्णय लेना चाहिए। जहां तक हो सके टैक्स के दायरे को बढ़ाना चाहिए।
- डॉ. रितु दुबे,
कम है टैक्स का स्लेब
वर्तमान समय में टैक्स का स्लेब काफी कम है, जिसके चलते मध्यमवर्गीय परिवार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अलग से इनकम वालों को कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन सेलरी बेस पर रहने वालों को अधिक परेशानी है। सेलरी का जो टैक्स साल भर में कटता है, अगर टैक्स का दायरा बजट में बढ़ता है, तो उस राशि को लोग सेव कर सकेंगे।
- संजय सिंह,
टैक्स का स्लेब ३ लाख हो
टैक्स का स्लेब १ लाख ६० हजार होने के कारण सभी क्लास के कर्मचारी शामिल हो जाते हैं। बजट में सरकार को टैक्स का स्लेब कम से कम ३ लाख करना चाहिए, जिससे थर्ड क्लास के कर्मचारी शामिल न हो सके। जिस तेजी से महंगाई बढ़ रही है, सरकार को उसी तर्ज से टैक्स का स्लेब भी बढ़ाना चाहिए।
- योगेन्द्र त्रिपाठी,
ढ़ाई लाख पर लगना चाहिए टैक्स
महंगाई दिनों-दिन बढ़ते जा रही है। इससे मध्यम वर्गीय परिवार कुछ नहीं कर पाता है। शासकीय कर्मचारी अपनी इनकम को छूपा भी नहीं पाते। जिसके चलते पूरा का पूरा टैक्स पटाना पड़ता है। इस बार के केन्द्रीय बजट में टैक्स का स्लेब कम से कम ढाई लाख तक बढ़ाना चाहिए।
- बबीता दुबे,
इनकम से ज्यादा खर्च
महंगाइ दिनों दिन बढ़ते ही जा रही है, लेकिन टैक्स का स्लेब वहीं का वहीं है। अगर सरकार किसी भी सामान के दाम में वृद्धि करती है, तो महंगाई के अनुरूप टैक्स का भी ध्यान रखना चाहिए। इसी तरह महंगाई बढ़ते गई और टैक्स का स्लेब इतना ही रहा, तो इंसान जितना कमाएगा नहीं, उससे ज्यादा टैक्स में भुगतान कर देगा। बजट में टैक्स को लेकर कुछ न कुछ बदलाव करना चाहिए।
- सुषमा यादव,
नौकरी पेशे वालों को दिक्कत
वर्तमान में टैक्स का स्लेब इतना कम है कि इसमें अमुमन सभी क्लास के कर्मचारी आ जाते हैं। आगामी दिनों में पेश होने वाले बजट में सरकार को महंगाई को ध्यान में रखते हुए टैक्स के स्लेब का बढ़ाना चाहिए। अगर नहीं बढ़ता है, तो उसको कोई सही रास्ता निकाला जाना चाहिए, जिससे कर्मचारियों को राहत मिल सके। टैक्स का असर मध्यमवर्गीय लोगों पर ही अधिक पड़ता है।
- एलके अग्रवाल,
महंगाई व टैक्स से सभी परेशान
वर्तमान समय में महंगाई इंसान की कमर तोड़ ही रही है। साथ ही टैक्स का स्लेब भी कम होने के कारण परेशानी और बढ़ गई है। १६ मार्च को पेश होने वाले बजट में आम जनता को कुछ मिले न मिले, लेकिन टैक्स स्लेब कम से कम ढ़ाई लाख रुपए तक कर देना चाहिए। जिससे टैक्स के दायरे में छोटे कर्मचारी शामिल न हो सके।
- कमल साहू

मंगलवार, 13 मार्च 2012

शिक्षा के लिए खुले पिटारा

ट्विनसिटी के शिक्षाविदें ने कहा, शिक्षा को बेहतर बनाने की जरूरत
शिक्षा को बजारवाद न बनाकर, शिक्षा प्रणाली को शिक्षा की तरह रहने दे, तो काफी सही रहेगा। वर्तमान समय में अगर कोई निम्न वर्ग या फिर मीडिल क्लास का बच्चा अच्छी शिक्षा प्राप्त करने की बात करें, तो वह नहीं ग्रहण कर सकता है। क्योंकि समय के साथ-साथ शिक्षा संबंधी सभी सुविधाएं महंगी हो गई है। बात चाहे शासकीय व अशासकीय स्कूल व कॉलेज की करें, तो हर जगह शिक्षकों की कमी है। यही वजह है कि बच्चों को अच्छी सुविधा नहीं मिल रही है। १६ मार्च को केन्द्रीय बजट पेश होने को है। इस बजट से भिलाई-दुर्ग के शिक्षाविदें को शिक्षा को लेकर काफी अपेक्षाएं हैं। आगामी केंद्रीय बजट को लेकर पत्रिका ने शिक्षाविदों से चर्चा की। इस दौरान शिक्षाविदें ने शिक्षा को बेहतर बनाने विशेष प्रस्ताव लाने पर जोर दिया। उन्होंने शिक्षा को बाजारवाद न बनाने की बात कही। उनका मानना है कि आने वाले बजट में शिक्षा को लेकर पिटारा खुलना चाहिए। इससे सभी वर्ग के बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
शिक्षकों की कमी दूर हो
बात चाहे स्कूल की करें, या फिर कॉलेज की, हर जगह शिक्षकों का टोटा है। जिसका असर पढ़ाई पर पड़ता है। पेश होने वाले बजट में शिक्षकों को लेकर पर्याप्त राशि का प्रावधान जरूरी है। स्कूल व कॉलेज में संविदा और शिक्षाकर्मियों के भरोसे स्टूडेंट्स की पढ़ाई न हो। स्कूल व कॉलेज में पर्याप्त शिक्षक होंगे, तो शिक्षा का स्तर ऊंचा होगा तथा बच्चों को भी इसका लाभ मिलेगा।
- डीएन शर्मा, शिक्षाविद्
रिसर्च के लिए संसाधन बढ़े
जिस प्रकार देश में बड़े-बड़े संस्थान है, उस हिसाब से स्टूडेंट्स के रिसर्च के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं है। शिक्षा को बेहतर करने के लिए अनेक योजनाएं शुरू होती है, लेकिन सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं होने के कारण इसका लाभ सभी वर्ग के स्टूडेंट्स को नहीं मिल पाता है। आगामी बजट में रिसर्च और योजनाओं के अधिक से अधिक धनराशि का प्रावधान की आवश्यकता है।
- पीबी देशमुख, शिक्षाविद्
वो तो समय ही बताएगा
बजट में शिक्षा को लेकर क्या होगा, वो तो समय ही बताएगा। शिक्षा को लेकर सभी वर्ग के बच्चों को ध्यान में रखकर योजनाएं तैयार की जानी चाहिए। वर्तमान समय में गरीब बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए राईट टू एजुकेशन है, जिसके माध्यम से गरीब वर्ग के बच्चों को किसी भी स्कूल में प्रवेश लेकर पढ़ाई करने का प्रावधान हैं, लेकिन इसका पालन सही ढंग से नहीं हो पा रहा है। महंगाई में गरीब वर्ग के बच्चों को सही शिक्षा देने के लिए बजट में विशेष प्रस्ताव की जरूरत है।
- आनंद त्रिपाठी, शिक्षाविद्
आईआईटी खुलनी चाहिए
शिक्षा के क्षेत्र में कोटा के बाद भिलाई का नाम आता है, लेकिन कोटा जैसी यहां पर कोई सुविधा नहीं है। आगामी दिनों में पेश होने वाले बजट में भिलाई में आईआईटी खुलने का प्रस्ताव परित होना चाहिए। छत्तीसगढ़ के स्टूडेंट्स आईआईएम जैसे संस्थान का लाभ उठा रहे हैं। सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो आने वाले दिनों आईआईटी जैसी संस्थान का लाभ उठा पाएंगे।
- संजय रुंगटा, शिक्षाविद्
शिक्षित सामाज से देश की तरक्की
शिक्षा जिनती अच्छा रहेगी, उतना ही समाज शिक्षित होगा और समाज शिक्षित होगा, तो देश प्रगति करेगा। बजट की बात करें, तो स्टूडेंट्स के लिए बड़े संस्थानों की जरूरत है। रिसर्च पर ज्यादा ध्यान देना होगा। वैसे तो आए दिन स्टूडेंट्स कुछ न कुछ रिसर्च करते रहते हैं, लेकिन उनको सही दिशा और दशा नहीं मिल पाती है।
- अजय प्रकाश वर्मा, शिक्षाविद्
सर्विस टैक्स में न हो बढ़ोतरी
शिक्षा के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं पर शिक्षा अब एक महंगा सौदा हो गया है। अगर बजट में सर्विस टैक्स में बढ़ोतरी होगी तो प्राइवेट ट्यूशन क्लासेस की फीस भी बढ़ेगी। जिससे शिक्षा हासिल करना महंगा सौदा हो जायेगा। आज के युग में शिक्षा से संबधित खर्चे आसमान छू रहे हैं। अभिभावकों को शिक्षण संस्थान तय करने से पहले कई बार सोचना पड़ता है।
- अंकिता प्रोफेसर
नहीं बैठता तालमेल
सरकार और उनके बजट का आम लोग के साथ सहीं तालमेल नहीं बैठ पाता है। स्कूली शिक्षाओं को लेकर लागू की गई योजनाओं में ग्रामीण और शहरी स्तर पर योजनाओं को रिसर्च करके लागू करने की जरूरत है। ताकि बच्चों को सही बैनीफिट मिले और स्कूली शिक्षा का विकास हो। इस बजट से यही आशा है कि स्कूली शिक्षा और योजनाओं के लिए ज्यादा उपहार हो।
- शशिक ला साहसी
शिक्षक एवं लायनेस क्लब सचिव
स्कॉलरशिप फंड मिले
पढ़ाई में अच्छे स्टूडेंट के लिए कई बार ज्यादा फीस की वजह से एजुकेशन कम्पलीट नहीं हो पाता है। गर्वेरमेंट कॉलेजों के अलावा प्राइवेट सेक्टर पर भी अध्ययन के लिए सरकारी स्कॉलरशिप में बढ़ोतरी करनी चाहिए ताकि मेधावी स्टूडेंट का कैरिअर बन सके। इसके अलावा ये फंड स्टूडेंट को जल्द से जल्द मिले।
- एचएल साहू प्रोफेसर
बढ़े मेडिकल की सीटें
ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी डॉक्टर की कमी है। जैसे आज हर प्रदेश में कई इंजीनियरिंग कॉलेज है, उसी तरह मेडिकल की सीटों में भी वृद्वी जरूरी है ताकि ज्यादा स्टूडेंट डॉक्टर बन सके और शिक्षा के साथ चिकित्सा के क्षेत्र में भी वृद्वी हो।
- अनु नायक
प्रोफे सर
शिक्षा का स्तर सुधारने की जरूरत
अच्छे भवन और अच्छे फर्नीचर के होने से शिक्षा का स्तर नहीं सुधारा जा सकता है। वर्तमान समय में शिक्षा की दिशा काफी दयनीय है। दसवीं बोर्ड को ग्रेडिंग सिस्टम कर दिया गया, इससे स्टूडेंट्स टेंशन फ्री होकर परीक्षा दे रहे हैं, लेकिन इस सिस्टम से स्टूडेंट्स के अंदर से बोर्ड एग्जाम का भय ही खत्म हो गया। शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए अच्छे फर्नीचर और भवन नहीं, बल्कि अच्छे शिक्षकों की जरूरत है, जो शिक्षा के स्तर को सुधारने में मदद करेंगे।
- डॉ. संतोष राय, शिक्षाविद्

सोमवार, 12 मार्च 2012

नहीं बनना चाहेगा कोई आईपीस अधिकारी

पिछले दिनों मुरेना के जबाज ऑफिसर नरेन्द्र कुमार को खनिज माफियों ने मोत के घाट उतार दिया....मोत की स्थिति को देख कर नहीं लगता है कि किसी ने मारा होगा... लेकिन खनिज माफियों ने अपनी खुनस निखालने के लिए ट्रक से कुचल कार मर डाला... ऑफिसर होने के कारण बात आमलोगों तक जल्दी पहुँच गई... नहीं तो भनक तक नहीं लगने देते खनिज माफिया वाले.... ऑफिसर के मोत पर राजनेता कोई सपोर्ट नहीं कर रहे है, बल्कि उल्टा उनके परिवार वालों को फ़िल्मी डाइलोग मर रहे है.... एक मंत्री ने कहा कि मप्र कि सरकार हाथ में चुरी नहीं पहनी है.... उलटे सीधे ब्यान देना बंद नहीं किए... तो उसका भुगतान भरना पर जायेगा.... राजनेता के बयां से साफ जाहिर होता है कि खनिज माफिया और मप्र के राजनेताओं में कितनी सं गांठ है... वेसे मप्र और छग दोनों सरकार खुद को भाई भाई मानते है.... वेसा ही देखने को भी मिला... मप में जन्वाज ऑफिसर के मरने के बाद छग के बिलासपुर के एसपी राहुल शर्मा ने भी खुद को अपने रिवाल्वर से गोली मार ली.... इन दिनों क्या हो गया कि आईपीस रेंक के अधिकारी खुद को गोली मर रहे है.... अधिकारीयों के मरने से साफ जाहिर होता है कि प्रदेश की सरकार निकामा है.... अगर एसे ही राजनेता खनिज माफियाओं से सं गांठ करते रहे तो कोई भी आईपीस बनना नहीं चाहेगा.... आईपीस की छबि को सही करने के लिए सरकार को खुद के दूतों को सही रस्ते पर लेन की जरुरत है...

रविवार, 11 मार्च 2012

किचन बजट पर देना होगा ध्यान

केन्द्रीय बजट से पहले महिलाओं ने जाहिर की अपनी अपेक्षाएं
दिनों दिन बढ़ रही महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है। महंगाई के चलते लोगों को बजट से कोई खास उम्मीद अब नहीं रहती है। बजट चाहे केन्द्र का हो या फिर राज्य का, लोग महंगाई के चलते बजट को लेकर कुछ कहने की स्थिति में नहीं रहते। शुक्रवार को शेखर झा ने शहर की गृहिणी से आगामी केंद्रीय बजट को लेकर बात-चीत की। इस दौरान किसी ने मंहगाई कम करने पर जोर दिया तो किसी ने हाउसिंग लोन के टैक्स, गैस के दाम कम करने की बात कही। महिलाओं का कहना है कि किसी भी सामान के दाम में सरकार वृद्धि करती है, तो एक बार कर दे। सामानों के दामों में बार-बार वृद्धि होने से घर का बजट बिगड़ जाता है।
महीने का बिगड़ता है बजट
चाहे केन्द्रीय बजट हो या फिर राज्य बजट किसी से भी आम लोगों को राहत नहीं मिलती है। दिनोंदिन बढ़ रही महंगाई ने लोगों को परेशानी में डाल दिया है। कुछ दिनों में फिर से गैस के दाम बढऩे के संकेत मिल रहे हैं। बजट से गैस, पेट्रोल व दैनिक उपयोगी सामानों के दाम कम होने चाहिए, ताकि आम लोगों को राहत मिल सके।
- अनुजा अग्रवाल, गृहणी
गल्र्स चाइल्ड को मिले शिक्षा
बजट में तो सभी वर्ग के लोगों के लिए कुछ न कुछ होता है। वर्तमान की बात करें, तो लोग कहां से कहां पहुंच गए, लेकिन गरीब तबके के लोगों को अभी भी उचित शिक्षा नहीं मिल रही है। इस केन्द्रीय बजट में कुछ ऐसी होना चाहिए कि गरीब व असहाय गल्र्स चाइल्ड के लिए शिक्षा की समुचित व्यवस्था हो सके।
- लतिका राजन, गृहणी
कम होने चाहिए पेट्रोल के दाम
एक महीने में पेट्रोल के दो बार दाम बढऩे से अनुमान लगाया जा सकता है कि बजट से लोगों को क्या फायदा होगा। जब तक सरकार पेट्रोल के दामों पर अंकुश नहीं लगाएगी, तब तक सामानों के दामों में कमी नहीं आ सकती है। इसलिए इस बार के केन्द्रीय बजट में कम से कम सरकार को दैनिक उपयोगी सामानों के साथ पेट्रोल के दाम कम करने चाहिए।
- सुचित्रा शर्मा, गृहणी
गैस का दाम हो कम
दिनों दिन सामानों के रेट में बढ़ोत्तरी होने से किचन का बजट बिगड़ जाता है। केन्द्रीय बजट से यही आशा है कि सरकार जो कुछ भी करे, वह आम जनता को ध्यान में रखकर करे। पिछले दिनों गैस के दाम में वृद्धि हुई थी और आने वाले दिनों में भी गैस के दाम में वृद्धि होने की खबर है। इससे परेशानी और बढ़ जाएगी।
- रमा भट्ट, गृहणी
बजट से लोगों को मिले राहत
अगर मार्केट में किसी भी सामान का रेट बढ़ता है, तो उसका असर किचन के बजट पर पड़ता है। इसलिए केन्द्रीय बजट में किचन संबंधित सामानों के रेट कम होने चाहिए। आए दिन सामानों के दामों में वृद्धि होती रहती है। जिसका खमियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है।
- कविता बंसल, गृहणी

आसान नहीं होगा नंबर तीन को भरना

राहुल द्रविड़ के सन्यास पर पूर्व खिलाडिय़ों
की प्रतिक्रिया
भिलाई. भारतीय क्रिकेट टीम की दीवार कहे जाने वाले स्टार बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने शुक्रवार को क्रिकेट के हर फॉरमेट को अलविदा कह दिया। राहुल द्रविड़ के सन्यास के साथ ही टेस्ट क्रिकेट के एक युग का अंत हो गया है। उनके डिफेंस को लम्बे समय तक याद किया जाएगा। द्रविड़ ने टेस्ट क्रिकेट में सचिन के बाद सबसे ज्यादा रन बनाए हैं। राहुल के सन्यास को ट्विनसिटी के क्रिकेटरों ने सही समय पर सही निर्णय करार दिया है। साथ ही उनके जाने से खाली हुई नम्बर तीन पर बल्लेबाजी क्रम को भरना नए क्रिकेटरों के लिए बड़ी चुनौती बताया है।
आसान नहीं जगह भरना
टेस्ट क्रिकेट में नंबर तीन पर बल्लेबाजी करना हो तो राहुल से बढ़कर कोई नहीं है। उनके सन्यास लेने के बाद इस जगह को भरना आसान नहीं होगा। हालांकि उन्होंने सही समय पर सही निर्णय लिया है, टीम इंडिया को इनकी कमी हमेशा खलेगी।
मोहन दास, पूर्व रंजी खिलाड़ी
बेहतरीन सर्विस दी
राहुल द्रविड ने अपने करियर के १६ वर्षों में इंडियन क्रिकेट को बेहतरीन सर्विस दी है। द्रविड ने जिस समर्पण से क्रिकेट खेला है वह आने वाली पीढ़ी के लिए उदहारण है। उनके सन्यास के निर्णय ने भारतीय टीम से एक जुझारू खिलाड़ी कम हो गया है।
राजा बेनर्जी, कोच बीएसपी क्रिकेट टीम
दो सीरीज और खेलते
राहुल द्रविड का निर्णय सही है, लेकिन उन्हें दो सीरीज और खेलनी चाहिए थी। आस्ट्रेलिया दौरे के खराब प्रदर्शन के बाद देश को उनसे एक बड़ी पारी की उम्मीद थी। इसे वे घरेलू सीरीज में पूरा कर सकते थे। उसके बाद शान से सन्यास लेना था।
पी गोपाल राव, पूर्व रंजी खिलाड़ी
निर्णय सही है
राहुल द्रविड का निर्णय सही है, नेचुरल है। टीम इंडिया उन्हें मिस करेगी। उनके साथ खेलना मेरे लिए सौभाग्य की बात रही है। नंबर तीन पर बल्लेबाजी को लेकर टीम इंडिया की समस्या बढ़ जाएगी। क्यों कि दूसरी दीवार का मिलना इतना आसान नहीं है।
राजेश चौहान, पूर्व टेस्ट खिलाड़ीश्
समर्थकों को टीस
राहुल द्रविड उन चुनिंदा खिलाडिय़ों में से एक हैं जिनकी तकनीक शानदार रही है। एक खिलाड़ी के रूप में वे हमेशा शांत रहे हैं। उनके सन्यास लेने के बाद उनके समर्थकों को टीस पहुंची है, लेकिन इससे युवा खिलाडिय़ों को आगे आने का मौका भी मिलेगा।
राजा गोपालन, पूर्व रणजी खिलाड़ी

मंगलवार, 6 मार्च 2012

...भगवान भरोसे उत्तर प्रदेश की जनता

उत्तर प्रदेश में माया के नहीं रहने और मुलायम की सरकार बनाने का असर दिखने लगा है.... मंगलवार को मुलायम की फोज जित का जश्न मना रहे थे... तभी एक कार्यकर्त्ता ने गोली चला दी... जो ७ साल के बच्चे को लग गई... जिससे बच्चे की मोत हो गई.... कुछ देर के लिए भले ही उत्तर प्रदेश की जनता को ने सरकार की ख़ुशी होगी.... लेकिन मुलायम की फोज ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है.... साथ ही पत्रकारों पर हमला भी कर दिए... हमला के दोरान पत्रकार घायल हो गए.... साथ ही १५ कमरे को तोड़ दिए.... अब तो समय ही बताएगा की सही में सरकार सही है... या फिर सिर्फ बोलेन भर का है

रविवार, 4 मार्च 2012

शुक्रगुजार हूँ...

पत्रिका ने भिलाई संस्कार के जस्ट शनिवार को बंद कर दिए... उसके बदले में ८ पेज का पुलआउट रविवार से शुरू हो गया... जस्ट के बंद होने से मन में दुःख तो हुआ ही... लेकिन सिटी में काम करने का भी तो मोका मिल गया है... दो दिन पहले मेरे को क्राईम विट मिला है... अभी तक मेने सांस्कृतिक कार्यकम कवर किया है... लेकिन अब सिटी में भी काम करने का मोका मिला है... अब और नए नए लोगों से मिलना होगा... अभी तक मैं जस्ट में अच्छा कम किया था... रायपुर में भी काम किया हूँ और पिछले १० महीने से भिलाई में काम कर रहा था... आप लोगो का साथ रहा तो क्राईम विट में भी अच्छा काम करके दिखाऊंगा... क्राईम विट में मेरा साथ सीनियर पत्रकार नारद योगी दे रहे है.... इस विट में जो भी में अच्छा काम करूँगा... उसमें नारद योगी की अहम भूमिका होगी... में उनका शुक्रगुजार हूँ... जो उनके साथ कम करने का मोका मिला है....

गुरुवार, 1 मार्च 2012

वो तो समय ही बताएगा

सहवाग के नहीं रहने से टीम की हालत होगी खस्ता
शेखर झा
वीरेन्द्र सहवाग के चहेतों के लिए बुरी खबर है। बांग्लादेश में १२ मार्च से २२ मार्च तक आयोजित होने वाले एशिया कप वनडे टूर्नामेंट के लिए बुधवार को इंडियन टीम घोषण हो गई, लेकिन खराब परफोरमेंस से गुजर रहे वीरेन्द्र सहवाग को टीम में जगह नहीं दी गई। जिसको लेकर ट्विनसिटी के क्रिकेटप्रेमियों में काफी निराशा देखने को मिल रही है। सहवाग के टीम में नहीं रहने से कुछ नहीं होगा, लेकिन उनके दर्शकों में अभी से निराशा झलकने लगी है। बुधवार को शेखर झा ने शहर के क्रिकेट प्रेमियों से इस मुद्दे को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि सहवाग के टीम में नहीं रहने से टीम पर असर देखने को तो मिलेगा ही। आस्ट्रेलिया दौरे में सहवाग और सचिन का कोई खास असर नहीं देखने को मिला, लेकिन जब कुछ कर दिखाने का समय आया, तो उनको टीम में ही शामिल नहीं किया गया। इंडिया टीम का चयन सही है, लेकिन तब जब सहवाग की जगह पर जिस खिलाड़ी को टीम में शामिल किया गया है, वे शानदार परफोरमेंस करें।
खिलाड़ी खराब नहीं है
वीरेन्द्र सहवाग खराब खिलाड़ी नहीं है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से खराब परफोरमेंस के चलते उन्हें टीम में शामिल नहीं किया गया है। सहवाग जब तक पीच पर बने रहते हैं तब तक बोलर से लेकर फिल्डर तक दहशत में रहते हैं कि कहां से गेंद निकल जाएगी। इंडियन टीम में सहवाग जिस लेवल के खिलाड़ी है, वैसे अभी तक एक भी नहीं है।
- टी. सुधीन्द्र, नेशनल क्रिकेट प्लेयर
कौन कब अच्छा खेल जाए
वीरेन्द्र सहवाग को टीम में फिटनेस सही नहीं होने के कारण शामिल नहीं किया गया। कारण कुछ भी हो, सहवाग के टीम में नहीं रहने से असर तो पड़ेगा ही। वैसे भी क्रिकेट में कब कौन खेल जाए पता नहीं चलता। पिछले मैच में खराब परफोरमेंस को लेकर सहवाग भी चिंतित थे।
- राजा गोपालन, क्रिकेट प्लेयर
दर्शकों में रहेगी निराशा
टीम में चाहे सहवाग रहे या न रहे, सचिन रहे या न रहे, कोई फर्क नहीं पडऩे वाला है, लेकिन ये खिलाड़ी ऐसे हैं, जिससे दर्शकों पर खास असर देखने को मिलता है। पिछले दिनों इंडिया टीम ने जो जीत हासिल की है, वे इन्हीं दोनों की देन है। सहवाग के नहीं रहने से टीम पर क्या असर पड़ेगा, वो तो समय ही बताएगा।
- राजेश चौहान, इंटरनेशनल क्रिकेट प्लेयर
अट्रेक्टिंग प्लेयर है सहवाग
सहवाग को टीम में शामिल क्यों नहीं किया गया, ये तो चयनकर्ता ही सही बता पाएंगे, लेकिन सहवाग अट्रेक्टिंग प्लेयर हैं। टीम में उनके नहीं रहने से मध्यम क्रम पर दवाब रहता है और जिस मैच में खेलते हैं, तो मध्यम क्रम पर दवाब नहीं रहता है। चयनकर्ताओं ने सहवाग को अनफिट होने के कारण टीम में शामिल नहीं किया है।
- राजा बेनर्जी, कोच, बीएसपी क्रिकेट टीम