शुक्रवार, 20 जनवरी 2012

डाउनलोडिंग जरा संभलकर

इन दिनों फोटो डाउनलोडिंग के जरिए वायरस आईडी हैक होने के मामले सामने आ रहे हैं। इसे बाइंडर प्रोग्राम नाम दिया गया है। इस प्रोग्राम के माध्यम से फोटो अपलोड करने के साथ वायरस एक्टिव हो जाता है और इससे आपका आईडी हैक किया जा सकता है। शेखर झा :-
केस-१
सेक्टर-६ निवासी दीपक साहू ने ३ सितंबर को अपने दोस्त के फेसबुक आईडी से एक हॉलीवुड हीरोइन की फोटो को शेयर किया। शेयर करने के कुछ देर बार अचानक कम्प्यूटर बंद हो गया और फिर सिस्टम काफी धीरे चलने लगा। उसने अपनी आईडी को फिर से खोला तो आईडी हैक हो चुकी थी।
चेंज हुआ फोटो
केस-२
स्मृति नगर निवासी संतोष सिंह ने ५ सितंबर को डेस्कटॉप के लिए एक बॉलीवुड हीरोइन के फोटो को डाउनलोड किया। फोटो के डाउनलोड होने तक किसी भी तरह की दिक्कत नहीं हुई और उन्होंने उस फोटो को डेस्कटॉप पर शेव कर लिया। जब उन्होंने दोबारा सिस्टम खोला, तो उनका डेस्कटॉप का फोटो चेंज हो गया था।
युवा इन दिनों सोशल नेटवर्किंग पर ज्यादा समय बिता रहे हैं। इस दौरान युवा फोटो को दोस्तों के साथ शेयर करने के लिए मेल में अपलोड करते हैं और इसी अपलोडिंग के दौरान आपकी आईडी हैक हो जाती है। हालांकि आईडी के हैक होने का पता युवाओं को तुरंत नहीं चल पाता है, लेकिन कुछ समय बाद आईडी अपने आप बंद हो जाती है। कुछ ऐसा ही ट्विनसिटी के रमेश देवांगन के साथ पिछले दिनों हुआ। वह दोपहर के समय अपने फे सबुक अकाउंट पर बॉलीवुड व हॉलीवुड के एक्टर्स का फोटो अपलोड कर रहे थे। शाम को जब उन्होंने फेसबुक पर साइन इन करना चाहा तो पता चला कि उसका पासवर्ड सही नहीं है। किसी ने उसकी आईडी हैक कर ली। ट्विनसिटी में हो रही इस तरह की घटनाओं को देखते हुए सोशल नेटवर्किंग के यूज करने वालों को सजग होना होगा। वहीं शहर के आईटी के जानकारों का मानना है कि कई बार युवा अच्छी फोटो देखकर उसको अपनी आईडी के साथ शेयर करने की कोशिश करते है, लेकिन उनको यह पता नहीं रहता है कि फोटो शेयर करने से आईडी हैक हो सकती है।
हर फोटो न करें अपलोड
इस तरह की समस्या उन लोगों को आ रही है जो फेसबुक या फिर कोई अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल कर रहे हैं। अच्छे फोटो अपलोड करना कुछ लोगों की आदत में शुमार होता है। किसी भी सर्च इंजन से फोटो सर्च करने के बाद वह डाउनलोड कर लेते हैं और इसे फेसबुक में अपलोड कर देते हैं, लेकिन हम ये नहीं जानते कि यह फोटो कम्प्यूटर के साथ ही साथ आपके फेसबुक अकाउंट को नुकसान पहुंचा सकता है।
की-लॉगर्स देता है सारी जानकारी
साइबर एक्सपर्ट सनी वाघेला ने बताया बाइंडर प्रोग्राम के साथ ट्रोजन वायरस होता है। इंटरनेट से फोटो डाउनलोड करने पर यह कम्प्यूटर में एक्टिव हो जाता है। वह उस सिस्टम पर होने वाली सारी एक्टिविटी की जानकारी हैकर को देता रहता है। इसमें होने वाले की-लॉगर्स के कारण की-बोर्ड, माउस से हम जो भी इनपुट करते हैं वह जानकारी हैकर्स तक पहुंचाता है। जब हम किसी भी सोशल नेटवर्किंग साइट पर साइन इन करते हैं तो हैकर हमारा पासवर्ड जान उसे हैक कर सकता है। इसे एंटी वायरस भी स्कैन नहीं कर पाता।
ऐसे बच सकते हैं हैकिंग से
लाइसेंस वाले एंटी वायरस का ही उपयोग करें।
डाउनलोडिंग के बाद सिस्टम का सेटअप चेककर लें कि कहीं उसमें अनजान प्रोग्राम तो रन नहीं हो रहा है। ऐसा हो रहा है तो एक्सपर्ट से सलाह लें।
फोटो डाउनलोड कर रहे हैं उसकी बेसिक इंफोर्मेशन की जांच कर लें।
ई-मेल पर आने वाले अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
अच्छी फोटो को देखकर अपलोड या डानउलोड न करें।
हैक हुई आईडी

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