सोमवार, 20 फ़रवरी 2012

...जब 300 फीट नीचे नदी में गिर गई थी 'राजधानी

देश में रेल बजट पेश होने वाला है। इस बजट में बहुत सारे लोक लुभावन बातें शामिल होंगी, जिसमें सुरक्षा, नई ट्रेनें आदि शामिल होंगे। लेकिन इन वादों को वाकई में क्या अमलीजामा पहनाया जाएगा। ऐसा प्रतित नहीं होता। रेलवे की सुरक्षा हमेशा से ही चिंता का विषय रही है। कभी नक्सली हिंसा, तो कभी रेल दुर्घटना। नुकसान भारतीय रेल को होता है। भारतीय रेलवे के इतिहास में 10 सितम्बर 2002 का वो दिन हमेशा के लिए काला स्याह बनकर रह गया जब राजधानी एक्सप्रेस की एक पूरी बोगी गया के समीप रफीगंज के पास धावे नदी में गिर गया। रात के 10.40 हो रहे थे, सभी लोग ट्रेन में सफर के दौरान सोने का इंतजार कर रहे थे। कोलकाता से ट्रेन में 1000 यात्री सवार थे। गया के रफीगंज के पास ट्रेन अपनी तेज रफ्तार से धावे नदी क्रॉस कर रही थी। तभी ट्रैक से एक बोगी नीचे उतर गई। ट्रेन की वो पूरी बोगी 300 फीट नीचे गिर गई। उस बोगी में सवार सभी यात्रियों के अलावा दूसरे बोगियों के यात्री भी इस चपेट में आ गए और वो भी नीचे नदी में चले गए। इस घटना में नदी से 130 शव निकाले गए थे जबकि 50 लोग लापता थे। वहीं कुछ न्यूज रिपोर्ट की माने तो 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। साथ 150 से ज्यादा लोग घायल थे। इस घटना ने 6 जून 1981 को सहरसा के पास हुए ट्रेन हादसे की याद दिला दी थी।

1 टिप्पणी:

  1. rail bazat m bihar ke bare m sochna hoga bihar ko kuch khash dhayan dena chiye nitish kumar accha kam kr rahe kender sarkar ko bises pakage dena chiye or rail ko bihar se jayada paissa kahi nhi milta h uske badle bihar ko kuch bhi nhi milta h jiske liye wo hukdar h or mithla pr beses dhayan dena hoga

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