मंगलवार, 13 मार्च 2012

शिक्षा के लिए खुले पिटारा

ट्विनसिटी के शिक्षाविदें ने कहा, शिक्षा को बेहतर बनाने की जरूरत
शिक्षा को बजारवाद न बनाकर, शिक्षा प्रणाली को शिक्षा की तरह रहने दे, तो काफी सही रहेगा। वर्तमान समय में अगर कोई निम्न वर्ग या फिर मीडिल क्लास का बच्चा अच्छी शिक्षा प्राप्त करने की बात करें, तो वह नहीं ग्रहण कर सकता है। क्योंकि समय के साथ-साथ शिक्षा संबंधी सभी सुविधाएं महंगी हो गई है। बात चाहे शासकीय व अशासकीय स्कूल व कॉलेज की करें, तो हर जगह शिक्षकों की कमी है। यही वजह है कि बच्चों को अच्छी सुविधा नहीं मिल रही है। १६ मार्च को केन्द्रीय बजट पेश होने को है। इस बजट से भिलाई-दुर्ग के शिक्षाविदें को शिक्षा को लेकर काफी अपेक्षाएं हैं। आगामी केंद्रीय बजट को लेकर पत्रिका ने शिक्षाविदों से चर्चा की। इस दौरान शिक्षाविदें ने शिक्षा को बेहतर बनाने विशेष प्रस्ताव लाने पर जोर दिया। उन्होंने शिक्षा को बाजारवाद न बनाने की बात कही। उनका मानना है कि आने वाले बजट में शिक्षा को लेकर पिटारा खुलना चाहिए। इससे सभी वर्ग के बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
शिक्षकों की कमी दूर हो
बात चाहे स्कूल की करें, या फिर कॉलेज की, हर जगह शिक्षकों का टोटा है। जिसका असर पढ़ाई पर पड़ता है। पेश होने वाले बजट में शिक्षकों को लेकर पर्याप्त राशि का प्रावधान जरूरी है। स्कूल व कॉलेज में संविदा और शिक्षाकर्मियों के भरोसे स्टूडेंट्स की पढ़ाई न हो। स्कूल व कॉलेज में पर्याप्त शिक्षक होंगे, तो शिक्षा का स्तर ऊंचा होगा तथा बच्चों को भी इसका लाभ मिलेगा।
- डीएन शर्मा, शिक्षाविद्
रिसर्च के लिए संसाधन बढ़े
जिस प्रकार देश में बड़े-बड़े संस्थान है, उस हिसाब से स्टूडेंट्स के रिसर्च के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं है। शिक्षा को बेहतर करने के लिए अनेक योजनाएं शुरू होती है, लेकिन सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं होने के कारण इसका लाभ सभी वर्ग के स्टूडेंट्स को नहीं मिल पाता है। आगामी बजट में रिसर्च और योजनाओं के अधिक से अधिक धनराशि का प्रावधान की आवश्यकता है।
- पीबी देशमुख, शिक्षाविद्
वो तो समय ही बताएगा
बजट में शिक्षा को लेकर क्या होगा, वो तो समय ही बताएगा। शिक्षा को लेकर सभी वर्ग के बच्चों को ध्यान में रखकर योजनाएं तैयार की जानी चाहिए। वर्तमान समय में गरीब बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए राईट टू एजुकेशन है, जिसके माध्यम से गरीब वर्ग के बच्चों को किसी भी स्कूल में प्रवेश लेकर पढ़ाई करने का प्रावधान हैं, लेकिन इसका पालन सही ढंग से नहीं हो पा रहा है। महंगाई में गरीब वर्ग के बच्चों को सही शिक्षा देने के लिए बजट में विशेष प्रस्ताव की जरूरत है।
- आनंद त्रिपाठी, शिक्षाविद्
आईआईटी खुलनी चाहिए
शिक्षा के क्षेत्र में कोटा के बाद भिलाई का नाम आता है, लेकिन कोटा जैसी यहां पर कोई सुविधा नहीं है। आगामी दिनों में पेश होने वाले बजट में भिलाई में आईआईटी खुलने का प्रस्ताव परित होना चाहिए। छत्तीसगढ़ के स्टूडेंट्स आईआईएम जैसे संस्थान का लाभ उठा रहे हैं। सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो आने वाले दिनों आईआईटी जैसी संस्थान का लाभ उठा पाएंगे।
- संजय रुंगटा, शिक्षाविद्
शिक्षित सामाज से देश की तरक्की
शिक्षा जिनती अच्छा रहेगी, उतना ही समाज शिक्षित होगा और समाज शिक्षित होगा, तो देश प्रगति करेगा। बजट की बात करें, तो स्टूडेंट्स के लिए बड़े संस्थानों की जरूरत है। रिसर्च पर ज्यादा ध्यान देना होगा। वैसे तो आए दिन स्टूडेंट्स कुछ न कुछ रिसर्च करते रहते हैं, लेकिन उनको सही दिशा और दशा नहीं मिल पाती है।
- अजय प्रकाश वर्मा, शिक्षाविद्
सर्विस टैक्स में न हो बढ़ोतरी
शिक्षा के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं पर शिक्षा अब एक महंगा सौदा हो गया है। अगर बजट में सर्विस टैक्स में बढ़ोतरी होगी तो प्राइवेट ट्यूशन क्लासेस की फीस भी बढ़ेगी। जिससे शिक्षा हासिल करना महंगा सौदा हो जायेगा। आज के युग में शिक्षा से संबधित खर्चे आसमान छू रहे हैं। अभिभावकों को शिक्षण संस्थान तय करने से पहले कई बार सोचना पड़ता है।
- अंकिता प्रोफेसर
नहीं बैठता तालमेल
सरकार और उनके बजट का आम लोग के साथ सहीं तालमेल नहीं बैठ पाता है। स्कूली शिक्षाओं को लेकर लागू की गई योजनाओं में ग्रामीण और शहरी स्तर पर योजनाओं को रिसर्च करके लागू करने की जरूरत है। ताकि बच्चों को सही बैनीफिट मिले और स्कूली शिक्षा का विकास हो। इस बजट से यही आशा है कि स्कूली शिक्षा और योजनाओं के लिए ज्यादा उपहार हो।
- शशिक ला साहसी
शिक्षक एवं लायनेस क्लब सचिव
स्कॉलरशिप फंड मिले
पढ़ाई में अच्छे स्टूडेंट के लिए कई बार ज्यादा फीस की वजह से एजुकेशन कम्पलीट नहीं हो पाता है। गर्वेरमेंट कॉलेजों के अलावा प्राइवेट सेक्टर पर भी अध्ययन के लिए सरकारी स्कॉलरशिप में बढ़ोतरी करनी चाहिए ताकि मेधावी स्टूडेंट का कैरिअर बन सके। इसके अलावा ये फंड स्टूडेंट को जल्द से जल्द मिले।
- एचएल साहू प्रोफेसर
बढ़े मेडिकल की सीटें
ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी डॉक्टर की कमी है। जैसे आज हर प्रदेश में कई इंजीनियरिंग कॉलेज है, उसी तरह मेडिकल की सीटों में भी वृद्वी जरूरी है ताकि ज्यादा स्टूडेंट डॉक्टर बन सके और शिक्षा के साथ चिकित्सा के क्षेत्र में भी वृद्वी हो।
- अनु नायक
प्रोफे सर
शिक्षा का स्तर सुधारने की जरूरत
अच्छे भवन और अच्छे फर्नीचर के होने से शिक्षा का स्तर नहीं सुधारा जा सकता है। वर्तमान समय में शिक्षा की दिशा काफी दयनीय है। दसवीं बोर्ड को ग्रेडिंग सिस्टम कर दिया गया, इससे स्टूडेंट्स टेंशन फ्री होकर परीक्षा दे रहे हैं, लेकिन इस सिस्टम से स्टूडेंट्स के अंदर से बोर्ड एग्जाम का भय ही खत्म हो गया। शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए अच्छे फर्नीचर और भवन नहीं, बल्कि अच्छे शिक्षकों की जरूरत है, जो शिक्षा के स्तर को सुधारने में मदद करेंगे।
- डॉ. संतोष राय, शिक्षाविद्

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