गुरुवार, 15 मार्च 2012

बढऩा चाहिए टैक्स का स्लेब

केन्द्रीय बजट को लेकर शासकीय कर्मचारियों की अपनी अपेक्षाएं
केन्द्रीय बजट १६ मार्च को पेश होने वाला है। जिसको लेकर ट्विनसिटी के प्राइवेट के साथ शासकीय सेक्टर में भी हलचल है। सभी को बजट से काफी कुछ अपेक्षाएं हैं। आगामी बजट को लेकर शासकीय कर्मचारियों की अपेक्षाओं को जानने की कोशिश की। चर्चा के दौरान अधिकतर लोगों ने वर्तमान टैक्स स्लेब को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया है।
सामानों पर लगता है टैक्स ज्यादा
टैक्स स्लेब के कम होने से मध्यमवर्गीय परिवार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बात निम्न वर्गीय और उच्च वर्गीय परिवार की करें, तो उनको कोई परेशानी नहीं होती है। आगामी दिनों में पेश होने वाले बजट में सरकार को मध्यम वर्गीय परिवार को ध्यान में रखकर टैक्स का स्लेब तय करना चाहिए। टैक्स के बढऩे से सामानों पर भी टैक्स कम लगेगा।
- डॉ. रेश्मा लाकेस,
इनकम से ज्यादा टैक्स
नौकरी पेशे वालों को ध्यान में रखकर बजट पेश होना चाहिए। क्योंकि इनकम बढ़ता है, तो टैक्स भी बढ़ जाता है। इसलिए बजट में टैक्स के स्लेब को बढ़ाना चाहिए। जिससे नौकरी पेशे वालों को राहत मिल सके। वैसे भी बजट में प्राइवेट सेक्टर वालों को ज्यादा फायदा मिलता है, क्योंकि वे अपने इनकम को एक बार छुपा भी लेते है, लेकिन शासकीय कर्मचारी का इनकम छुप पाता। बजट में दोनों सेक्टर को ध्यान में रखकर टैक्स का स्लेब फिक्सड करना चाहिए।
- डॉ. रिचा ठाकुर,
टैक्स देना पड़ता है दोगुना
सरकारी कर्मचारियों के वेतन में समय-समय पर वृद्धि होती है, लेकिन टैक्स की कोई सीमा तय नहीं है। टैक्स का स्लेब कम होने से कर्मियों को दोगुना भुगतान करना पड़ता है। केन्द्रीय बजट में टैक्स को लेकर अवश्य ही सही निर्णय लेना चाहिए। जहां तक हो सके टैक्स के दायरे को बढ़ाना चाहिए।
- डॉ. रितु दुबे,
कम है टैक्स का स्लेब
वर्तमान समय में टैक्स का स्लेब काफी कम है, जिसके चलते मध्यमवर्गीय परिवार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अलग से इनकम वालों को कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन सेलरी बेस पर रहने वालों को अधिक परेशानी है। सेलरी का जो टैक्स साल भर में कटता है, अगर टैक्स का दायरा बजट में बढ़ता है, तो उस राशि को लोग सेव कर सकेंगे।
- संजय सिंह,
टैक्स का स्लेब ३ लाख हो
टैक्स का स्लेब १ लाख ६० हजार होने के कारण सभी क्लास के कर्मचारी शामिल हो जाते हैं। बजट में सरकार को टैक्स का स्लेब कम से कम ३ लाख करना चाहिए, जिससे थर्ड क्लास के कर्मचारी शामिल न हो सके। जिस तेजी से महंगाई बढ़ रही है, सरकार को उसी तर्ज से टैक्स का स्लेब भी बढ़ाना चाहिए।
- योगेन्द्र त्रिपाठी,
ढ़ाई लाख पर लगना चाहिए टैक्स
महंगाई दिनों-दिन बढ़ते जा रही है। इससे मध्यम वर्गीय परिवार कुछ नहीं कर पाता है। शासकीय कर्मचारी अपनी इनकम को छूपा भी नहीं पाते। जिसके चलते पूरा का पूरा टैक्स पटाना पड़ता है। इस बार के केन्द्रीय बजट में टैक्स का स्लेब कम से कम ढाई लाख तक बढ़ाना चाहिए।
- बबीता दुबे,
इनकम से ज्यादा खर्च
महंगाइ दिनों दिन बढ़ते ही जा रही है, लेकिन टैक्स का स्लेब वहीं का वहीं है। अगर सरकार किसी भी सामान के दाम में वृद्धि करती है, तो महंगाई के अनुरूप टैक्स का भी ध्यान रखना चाहिए। इसी तरह महंगाई बढ़ते गई और टैक्स का स्लेब इतना ही रहा, तो इंसान जितना कमाएगा नहीं, उससे ज्यादा टैक्स में भुगतान कर देगा। बजट में टैक्स को लेकर कुछ न कुछ बदलाव करना चाहिए।
- सुषमा यादव,
नौकरी पेशे वालों को दिक्कत
वर्तमान में टैक्स का स्लेब इतना कम है कि इसमें अमुमन सभी क्लास के कर्मचारी आ जाते हैं। आगामी दिनों में पेश होने वाले बजट में सरकार को महंगाई को ध्यान में रखते हुए टैक्स के स्लेब का बढ़ाना चाहिए। अगर नहीं बढ़ता है, तो उसको कोई सही रास्ता निकाला जाना चाहिए, जिससे कर्मचारियों को राहत मिल सके। टैक्स का असर मध्यमवर्गीय लोगों पर ही अधिक पड़ता है।
- एलके अग्रवाल,
महंगाई व टैक्स से सभी परेशान
वर्तमान समय में महंगाई इंसान की कमर तोड़ ही रही है। साथ ही टैक्स का स्लेब भी कम होने के कारण परेशानी और बढ़ गई है। १६ मार्च को पेश होने वाले बजट में आम जनता को कुछ मिले न मिले, लेकिन टैक्स स्लेब कम से कम ढ़ाई लाख रुपए तक कर देना चाहिए। जिससे टैक्स के दायरे में छोटे कर्मचारी शामिल न हो सके।
- कमल साहू

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