मंगलवार, 3 जनवरी 2012

राहुल की चिट्ठी सोनिया को

मम्मी, मम्मी, अब तो आजा, तेरी याद सताती है, जनता अब समझ गयी है, अब नहीं धोखा खाती है, प्रणब न्यूट्रल हो गया है, और गायब है दिग्गी चाचा, चाचू यदि बाहर आयेंगे तो, खायेंगे वो खूब तमाचा, चिदंबरम को सांप सूंघ गया, मनमोहन तो गूंगा है, मनीष तिवारी अंडर ग्राउंड, जनता का गुस्सा सुंघा है, राशिद अल्वी सकते में है, फेल हो गया सिब्बल की चाल, मनु सिंधवी तो गीदड़ है, बस पहन रखा था शेर की खाल, मम्मी आपने फंसा दिया, बोलो मै अब जाऊं कहाँ, कोई सुरक्षित जगंह बताओ, बैठा रहूँगा चुपचाप वहां, सोच रहा हूँ, इटली जाऊं , कुछ दिन ऐशो-आराम करूँ, थोडा काला धन निकाल कर, नाना-संग विश्राम करूँ, आप यूएस से सीधे आना, खतरा है भारत देश में, कृष्ण का अवतार आया है, बूढ़े अन्ना के वेश में, जो कंस रूपी कांग्रेस का, एक दिन वो वध करेगा, लोकपाल ला करके, गरीब जनता का दुःख हरेगा, आते वक़्त स्विस बैंक से, सारे पैसे निकाल लाना, बाकी बैंको के नंबर भी, जल्दी से मुझे बताना, दिन में जन-सैलाब देख कर, रात को नींद न आती है, इन्टरनेट पर गाली खाकर, भूख मेरी मिट जाती है, मम्मी, मम्मी, अब तो आजा तेरी याद सताती है, जनता अब समझ गयी है, अब नहीं धोखा खाती है|
- विनोद कुमार

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