रविवार, 29 जनवरी 2012

हौसला अफजाई की दरकार

ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज पर जस्ट ट्विनसिटी बोली - सीनियर खिलाडिय़ों का एक साथ सन्यास भी अनुचित, नए खिलाडिय़ों को मिले पर्याप्त मौका
शेखर झा
आस्ट्रेलिया में टीम इंडिया की शर्मनाक हार के बाद सीनियर खिलाडिय़ों पर अंगुलियां उठनी शुरू हो गई हैं। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के साथ मिस्टर रिलायबल राहुल द्रविड़ और वैरी वैरी स्पैशल लक्ष्मण के खेल से सन्यास ले लेने के सुझाव आ रहे हैं। हर कोई भारतीय टीम को कोस रहा है, पर ट्विनसिटी के खेल प्रमियों को कहना है कि अभी टीम का हौसला बढ़ाने का समय है। टीम को ऑस्ट्रेलिया में त्रिकोणीय एक दिवसीय सीरीज खेलनी है। क्रिकेट प्रमियों का मानना है कि चयनकर्ताओं को सीनियर खिलाडिय़ों के साथ नए खिलाडिय़ों को पर्याप्त मौका देकर उन पर भरोसा जताना चाहिए। विराट कोहली इसके उदाहरण हैं। सीरीज के शुरूआत में फ्लॉप होने के बाद उन्होंने अद्र्धशतक और शतक जमाया। तीनों सीनियर खिलाडिय़ा के रिटायरमेंट के मुद्दे पर शनिवार को 'जस्ट ट्विनसिटीÓ ने शहर के क्रिकेटप्रेमियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि भले ही इंडिया टीम इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया टीम से लगातार ८ मैच हारी है, लेकिन यह वही टीम है जिसने घरेलू सीरीज में कंगारुओं को २-० से पराजित किया था। यह सही है कि सीनियर खिलाडिय़ों को अपने प्रदर्शन पर गौर करने का वक्त है पर सभी वरिष्ठ खिलाडिय़ों को एक साथ टीम से निकालना भी उचित नहीं होगा। चयनकर्ताओं की रणनीति में सुधार जरूरी है।
अंतर रहता है पिच का
इंडिया में फ्लैट ट्रेक हैं और विदेशों में बाउंसिंग। इंडिया टीम के खिलाड़ी फ्लेट ट्रेक पर अच्छा खेलते हैं, लेकिन उनको जैसे ही उछाल वाला पिच मिलता है, तो वह लडख़ड़ा जाते हैं। कहीं न कहीं टीम के हार के पीछे पिच का स्वभाव बड़ा कारण होता है। इंडिया टीम के खिलाडिय़ों को सभी तरह की पिचों पर खेलने का अभ्यास करना चाहिए।
- राजा बेनर्जी, क्रिकेट कोच
सीनियर प्लेयर्स जरूरी
क्रिकेट में कब कौन जीत जाए, किसी को पता नहीं रहता है, लेकिन विदेशी में लगातार दो सीरिज में इंडिया टीम को हार का सामना करना पड़ा। क्रिकेट पे्रमियों में नाराजगी देखने को मिल रही है और सीनियर खिलाडिय़ों को रिटायरमेंट लेने की बात कही जा रही है, लेकिन यह गलत हैं। जब तक टीम में सीनियर प्लेयर नहीं रहेंगे, तब तक नए खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे। सीनियर प्लेयर्स से जूनियर प्लेयर्स को बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
- मोहन दास, क्रिकेट प्लेयर
सलेक्शन सही नहीं
इंडिया टीम में ऐसे कई नए खिलाड़ी हैं, जिनको टेस्ट मैच में मौका नहीं दिया जा रहा हैं। एक तरह से कहा जा सकता है कि चयनकर्ताओं द्वारा टीम में खिलाडिय़ों का चयन ठीक से नहीं किया जा रहा है। जब तक सामने वाली टीम के अनुरूप इंडिया टीम के खिलाडिय़ों का चयन नहीं होगा, तब तक ऐसे ही इंडिया टीम को हार का सामना करना पड़ेगा।
- अमोल पन्ना, क्रिकेटप्रेमी
देना चाहिए नए खिलाडिय़ों को मौका
टीम में नए खिलाडिय़ों को पर्याप्त मौका नहीं दिया जा रहा। सीनियर खिलाड़ी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर चुके हैं। अब नए खिलाडिय़ों को भी परफोर्म करने का अवसर दिया जाना चाहिए। इससे खेल में परिवर्तन देखने को मिल सकता हैं।
- नीरज एक्का, क्रिकेटप्रेमी
बॉक्स
वीवीएस लक्ष्मण
उम्र -३७ वर्ष
टेस्ट मैच १३४
रन ८७८१
सर्वाधिक रन २८१
औसत ४५.९७
शतक १७
अर्धशतक ५६
आस्ट्रेलिया दौरा
टेस्ट मैच
रन १५५
सर्वाधिक रन ६६
औसत १९.३७
शतक
अर्धशतक
सचिन तेंदुलकर
उम्र - ३८
टेस्ट मैच १८८
रन १५४७०
सर्वाधिक रन २४८
औसत ५५.४४
शतक ५१
अद्र्धशतक ६५
आस्ट्रेलिया दौरा
टेस्ट मैच
रन २८७
सर्वाधिक रन ८०
औसत ३५.८७
शतक
अर्धशतक
राहुल द्रविड
उम्र- ३९
करियर
टेस्ट मैच १६४
रन १३२०८
सर्वाधिक रन २७०
औसत ५२.३१
शतक ३६
अर्धशतक ६३
आस्ट्रेलिया दौरा
टेस्ट मैच
रन १९४
सर्वाधिक रन ६८
औसत २४.२५
शतक
अर्धशतक

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